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Paperback Jati ka Unmoolan जाति का उन्मूलन (Hindi Edition) [Hindi] Book

ISBN: 1715341155

ISBN13: 9781715341152

Jati ka Unmoolan जाति का उन्मूलन (Hindi Edition) [Hindi]

हिंदुओं को सोचना चाहिए कि क्या अभी तक उनके लिए यह स्वीकार करने का समय नहीं आया है कि कोई भी वस्तु स्थिर नहीं है, कोई भी वस्तु अपरिवर्तनीय नहीं है, कोई भी वस्तु सनातन नहीं है, प्रत्युत प्रत्येक वस्तु बदल रही है, अतएव परिवर्तन ही व्यक्ति और समाज के जीवन का नियम है। संसार की बदली हुई परिस्थिति के अनुकूल जो व्यक्ति या समाज अपने जीवन में परिवर्तन नहीं लाता, वह संसार के समुन्नत समाज के समक्ष सिर ऊंचा करके जीवित नहीं रह सकता। मेरी धारणा है, इन प्रश्नों के सही हल पर आरूढ़ होना कल्याणकारी सिद्ध होगा। प्रस्तुत पुस्तक में इन्हीं सारी बातों का विस्तार से विवेचन किया गया है।

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Format: Paperback

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